Shani dosh ke lakshan : बृस्पति के बाद शनि ग्रह दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। मकर और कुंभ इसकी स्वयं की राशि है और यह तुला में उच्च का एवं मेष में नीच का होता है। शनि की महादशा, साढ़ेसाती ढैय्या आदि में शनि ग्रह अच्छा या बुरा पुरिणाम देता है। आओ जानते हैं कि क्या है शनि दोष और क्या है इसका 10 लक्षण।
शनि दोष क्या होता है?
यदि शनि मेष राशि में है तो यह बुरे फल देगा।
यदि शनि छठे या आठवें भाव में है तो भी यह अच्छा नहीं माना जाता।
यदि शनि चंद्रमा के साथ है तो यह विष योग बनाता है।
कुंडली में शनि अशुभ स्थान (3,7 या 10वें घर में) पर बैठा हो तो शनि दोष बनता है।
शनि दोष के 10 लक्षण:
समयपूर्व ही आंखें खराब होना, सिर के बाल झड़ना और कनपटी में दर्द बना रहना।
अचानक आग लग सकती है या कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है।
मकान बन जाता है तो उसका कोई हिस्सा क्षतिग्रस्त हो सकता है।
बनते काम बिगड़ सकते हैं। बहुत मेहनत करने के बाद भी उसका थोड़ा ही फल मिलता है।
धन, संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है। लगातार पैसों का नुकसान होना है।
जातक को शराब की लत लग जाती है। जुआ और सट्टे खेलना शुरु कर देता है।
आपके घर के पालतू काले जानवर (जैसे- काला कुत्ता या भैंस) की मृत्यु हो सकती है।
कोई झूठा आरोप लग सकता है, कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
नौकरीपेशा लोगों को ऑफिस में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कोई ऐसा व्यक्ति मिलता है जो आपसे आपकी क्षमता से अधिक काम करवाता है और आपको उस काम का श्रेय भी नहीं मिलता।