Devshayani Ekadashi 2023: आषाढ़ माह की एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु 4 माह के लिए सोने चले जाते हैं। इस दिन के बाद चातुर्मास प्रारंभ हो जाएंगे। 29 जून 2023 गुरुवार के दिन देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। देवशयनी एकादशी पर 12 शुभ कार्य करने से मिलेगी जीवन के हर क्षेत्र में सफलता।
इस दौरान विधिवत व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्त होती है और व्यक्ति निरोगी होता है।
इस दिन प्रभु हरि की विधिवत पूजा करने से सभी तरह के संकट कट जाते हैं।
इस दिन तुलसी और शालिग्राम की विधिवत रूप से पूजा और अर्चना करना चाहिए।
इस दिन चावल, प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, बासी भोजन आदि बिलकुल न खाएं।
इस दिन पौराणिक कथा सुनने और श्रीसूक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
देवशयनी एकादशी पर रात्रि में भगवान विष्णु का भजन व स्तुति करें और स्वयं के सोने से पहले भगवान को शयन कराएं।
विष्णुजी को इस मंत्र से सुलाएं- ‘सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जमत्सुप्तं भवेदिदम्। विबुद्धे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचरम्।।
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने और ब्राह्मणों को दक्षिणा देने से संतान सुख प्राप्त होता है।
इस दिन सभी ओर के तीर्थ ब्रज में एकत्रित हो जाते हैं। अत: ब्रज यात्रा पुण्य का कार्य है।
आषाढ़ के महीने में अंतिम पांच दिनों में भगवान वामन की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
इस दिन गाय, कौवा, कुत्ते और पक्षियों को अन्नदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
जल में आंवले का रस मिलाकर स्नान करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है और समस्त पाप कट जाते हैं।