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देवशयनी एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं करें?

Devshayani Ekadashi Vrat 2024: 17 जुलाई 2024 को देवशयनी एकादशी रहेगी। आषाढ़ माह में देवशयनी एकादशी का व्रत करने से सिद्धि प्राप्त होती है। यह व्रत सभी उपद्रवों को शांत कर सुखी बनाता है और जीवन में खुशियों को भर देते हैं। एकादशी के विधिवत व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस व्रत को करने से शरीरिक दु:ख दर्द बंद हो जाते हैं और सेहत संबंधी लाभ मिलता है। आओ जानते हैं कि इस दिन क्या करें और क्या नहीं।ALSO READ: देवशयनी एकादशी के दिन 5 काम भूलकर भी न करें, वर्ना पछताना पड़ेगा

 

देवशयनी एकादशी पर ये काम करें:-

1. व्रत : इस दौरान विधिवत व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्त होती है और व्यक्ति निरोगी होता है।

2. पूजा : इस दिन प्रभु श्रीहरि की विधिवत पूजा करने और उनकी कथा सुनने से सभी तरह के संकट कट जाते हैं।

3. तुलसी : इस दिन तुलसी और शालिग्राम की विधिवत रूप से पूजा और अर्चना करना चाहिए।

4. कथा : इस दिन देवशयनी की पौराणिक कथा का श्रवण करें।

5. यात्रा : इस दिन सभी ओर के तीर्थ ब्रज में एकत्रित हो जाते हैं। अत: ब्रज यात्रा पुण्य का कार्य है।

6. वामन : आषाढ़ के महीने में अंतिम पांच दिनों में भगवान वामन की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

7. दान : इस दिन गाय, कौवा, कुत्ते और पक्षियों को अन्नदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

8. स्नान : जल में आंवले का रस मिलाकर स्नान करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है और समस्त पाप कट जाते हैं।

9. संतान : विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने और ब्राह्मणों को दक्षिणा देने से संतान सुख प्राप्त होता है।

10. श्रीसूक्त : देवशयनी एकादशी पर श्रीसूक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

 

देवशयनी एकादशी पर क्या नहीं करें?

1. एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें, इस दिन स्त्रीसंग करना वर्जित है, क्योंकि इससे मन में विकार उत्पन्न होकर प्रभु भक्ति से ध्यान भटक जाता है। ALSO READ: देवशयनी एकादशी, कौनसे मंत्र से सुलाते हैं श्रीहरि विष्णु जी को?

 

2. मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज, मसूर, गाजर, शलजम, चावल, गोभी, पालक, जौ, बैंगन, सेमफली आदि खाना वर्जित है। एकादशी के दिन पान खाना वर्जित माना गया है, यह मन में रजोगुण की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। 

 

3. इस दिन वृक्ष से फल और पत्ता तोड़ना वर्जित है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर सेवन करें।

 

4. एकादशी पर दातून (मंजन), पेस्ट करने की मनाही है। इस निषेध के शास्त्रसम्मत कारण नहीं मिलते हैं। लेकिन इस दिन लकड़ी की छाल दातून के प्रयोग में लानी चाहिए, ऐसी मान्यता है।  नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ साफ कर लें। यदि यह संभव न हो तो पानी से बारह बार कुल्ले कर लें।

 

5. इस दिन क्रोध, हिंसा, जुआ, चोरी, परनिंदा, किसी की चुगली नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। तथा कई बार अपमानित भी होना पड़ सकता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी इन बातों से बचने का प्रयास करना उचित रहता है।ALSO READ: देवशयनी एकादशी, कौनसे मंत्र से सुलाते हैं श्रीहरि विष्णु जी को?

 

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