phulera dooj 2023
वर्ष 2023 में पंचांग भेद के चलते 21 फरवरी, मंगलवार को फुलोरिया या फुलेरा दूज (Phulera Dooj) का पर्व मनाया जा रहा है, तथा कई स्थानों पर यह 22 फरवरी, बुधवार को भी मनाया जाएगा। यह त्योहार प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की शु्क्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान श्री कृष्ण के भक्त बड़े ही उत्साह से मनाते हैं।
इस दिन उनके भक्त श्री राधा-श्री कृष्ण को गुलाल लगाकर, उनका राधा संग पूजन करके, भजन, कीर्तन, फूलों से श्रृंगार, भोग-प्रसादी आदि करके प्रेमपूर्वक राधा-कृष्ण की आराधना करते है।
यह पर्व कृष्ण-कन्हैया को बहुत प्रिय है, क्योंकि इसी दिन वे राधा से मिलने वृंदावन गए थे। फुलेरा दूज का उत्सव उत्तर भारत के गांवों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को फूलों से रंगोली बना कर श्री राधा-कृष्ण का विशेष रूप से फूलों से श्रृंगार करके उनका पूजन किया जाता है।
यहां जानें कथा-
फुलोरिया दूज की कथा (Phulera Dooj Story)- फुलेरा दूज की कथा के अनुसार, व्यस्तता के कारण भगवान श्री कृष्ण कई दिनों से राधा जी से मिलने वृंदावन नहीं आ रहे थे। राधा के दुखी होने पर गोपियां भी श्री कृष्ण से रूठ गई थीं। राधा के उदास होने के कारण मथुरा के वन सूखने लगे और पुष्प मुरझा गए। वनों की स्थिति के बारे में जब श्री कृष्ण को पता चला तो वह राधा से मिलने वृंदावन पहुंचे।
श्री कृष्ण के आने से राधा रानी खुश हो गईं और चारों ओर फिर से हरियाली छा गई। कृष्ण ने खिल रहे पुष्प को तोड़ लिया और राधा को छेड़ने के लिए उन पर फेंक दिया। राधा ने भी ऐसा ही श्री कृष्ण के साथ किया।
यह देखकर वहां पर मौजूद गोपियों और ग्वालों ने भी एक-दूसरे पर फूल बरसाने शुरू कर दिए। कहते हैं तभी से फूलों की होली खेली जाने लगी। इस दिन मथुरा और वृंदावन में सभी मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है तथा फूलों की होली खेली जाती है।
ALSO READ: विश्नोई मेला क्यों प्रसिद्ध है?