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शरद पूर्णिमा के दिन कर लें ये 5 अचूक उपाय, सुख समृद्धि के खुलेंगे रास्ते और होगा शुभ

Sharad Purnima Remedies 2024: अक्टूबर 2024 को शरद पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया रहेगा। इसलिए सूतक काल के पहले या बाद में ही यह त्योहार मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि यदि इस दिन आपने 5 खास तरह के उपाय कर लिए तो आपके भाग्य खुल जाएंगे। आओ जानते हैं कि क्या है वे ज्योतिषी उपाय।ALSO READ: Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?

 

शरद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को रात में 08:40 बजे प्रारंभ होगी। 

शरद पूर्णिमा तिथि समाप्त : पूर्णिमा तिथि 17 अक्टूबर को शाम को 04:55 बजे समाप्त होगी।

उदयातिथि के अनुसार 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा रहेगी क्योंकि इसी दिन तिथि में पूर्णिमा का चांद रहेगी।

 

1. चंद्रदोष होता है दूर : शरद पूर्णिमा के दिन छत या गैलरी पर चंद्रमा के प्रकाश में चांदी के बर्तन में दूध को रखा जाता है। फिर उस दूध को भगवान को अर्पित करने के बाद पिया जाता है। इस दूध का सेवन करने के जहां चंद्रदोष दूर हो जाता है वहीं रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।

 

2. चंद्र ग्रहण से मुक्ति का उपाय : यदि कुंडली में चंद्र ग्रहण है तो यह दिन उसे हटाने का सबसे अच्छा दिन है। इस दिन चन्द्रमा से संबंधित चीजें दान करना चाहिए या इस दिन खुलकर लोगों दूध बांटना चहिए। इसके अलावा 6 नारियल अपने उपर से वार कर किसी बहती नदी में प्रवाहित करना चाहिए।ALSO READ: शरद पूर्णिमा कब है? इस दिन ये 10 कार्य करने से होगा नुकसान

 

3. लक्ष्मी प्राप्ति हेतु उपाय : शास्त्रों में कहा गया है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। अत: आप सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें।

 

4. दांपत्य जीवन हेतु : कहते हैं कि सफल दाम्पत्य जीवन के लिए पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी दोनों को ही चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही देना चाहिए। इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।

 

5. सुख-समृद्धि हेतु : किसी भी विष्णु लक्ष्मी मंदिर में जाकर इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पित करनी चाहिए और धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें।ALSO READ: 16 या 17 अक्टूबर 2024 कब है शरद पूर्णिमा, जानें खीर खाने का महत्व