Ganpati vandana in hindi: गणेश चतुर्थी पर पढ़ें यह छोटी सी परंतु महत्वपूर्ण गणेश वंदना। आरती के पूर्व भी इसे पढ़ा जा सकता है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्म हुआ था। बुधवार के अलावा माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी पर इस छोटी सी वंदना को पूजा के दौरान पढ़कर गणपति जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हो।
श्रीगणपति वन्दन
खर्वं स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरं
प्रस्यन्दन्मदगन्धलुब्धमधुपव्यालोलगण्डस्थलम्।
दन्ताघातविदारितारिरुधिरैः सिन्दूरशोभाकरं
वन्दे शैलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम्।।
मैं सिद्धिप्रदाता, अभीष्टदायी, पार्वतीनन्दन भगवान् गणेश की वन्दना करता हूं, जो नाटे, स्थूलकाय, गजवदन एवं लम्बोदर होने पर भी अप्रतिम कमनीय हैं, जिनकी कनपटियों से चूते हुए मद की मधुर गन्ध से आकृष्ट भौंरों के कारण वे कनपटियां चञ्चल प्रतीत होती हैं तथा अपने दांत की चोट से विदीर्ण हुए शत्रुओं का रुधिर जिनके मुख पर सिन्दूर की शोभा धारण करता है।