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16 shradh paksha 2024: पितृ पक्ष का छठवां दिन : जानिए पंचमी श्राद्ध तिथि पर क्या करें, क्या न करें

Chatha Shradh Paksha 2024: पितृ पक्ष के 16 श्राद्ध का छठा दिन 22 सितंबर 2024 रविवार के दिन रहेगा। इस दिन पंचमी का श्राद्ध रखा जाएगा। पितृपक्ष में पितरों की शांति और मुक्ति के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है। पञ्चमी श्राद्ध को कुंवारा पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन उन मृतकों के लिए श्राद्ध करना चाहिए जिनकी मृत्यु उनके विवाह के पूर्व हो गई हो।

 

चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 21 सितंबर 2024 को शाम 06 बजकर 13 मिनट से।

चतुर्थी तिथि समाप्त: 22 सितम्बर 2024 को अपराह्न 03 बजकर 43 मिनट तक।

 

22 सितंबर 2024 का शुभ मुहूर्त:-

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:48 से 12:37 तक।

कुतुप काल : दोपहर 11:48 से 12:37 तक।

रोहिणी मुहूर्त : दोपहर 12:38 से 01:26 तक।

अपराह्न काल- अपराह्न 01:26 से 03:52 तक।

पंचमी के श्राद्ध की 5 खास बातें-

1. चतुर्थी और पंचमी को उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु गतवर्ष ही हुई हो।

 

2. श्राद्ध पक्ष की इस तिथि को कुंवारा पंचमी भी कहते हैं। यानी इस दिन ऐसे परिजनों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी अविवाहित रहते हुए ही मृत्यु हो गई हो।

 

3. इस दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि निवृत होकर पूजन के स्थान को साफ स्वच्छ करके तैयार करें। महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं। 

 

4. अब योग्य और अविवाहित ब्राह्मण को न्योता देकर उनसे पितरों की पूजा और तर्पण कराएं। पितरों का पूजन करने के बाद उन्हें भोग लगाएं। पितरों के निमित्त अग्नि में खीर अर्पित करें।

 

5. अब उक्त भोजन में से गाय, कौवा, कुत्ता, देव और पीपल के लिए भोजन अलग से निकालकर उन्हें अर्पित करें। अंत में ब्राह्मण भोज कराएं। ब्राह्मण भोज के साथ ही जमाई, भांजा, मामा और नाती को भी भोजन कराएं। सभी को यथाशक्ति दक्षिणा दें।

 

6. इस दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन करना, व्यसन करना, क्रोध करना, दिन में सोना और कड़वे वचन करना पाप माना गया है।