Mahashivratri 2024
Mahashivratri 2024: इस वर्ष 8 मार्च शुक्रवार 2024 महाशिवरात्रि पर महासंयोग बन रहा है। इस दुर्लभ संयोग में शिवलिंग की पूजा करने से पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा। वहीं व्रत रखने से चौगुना फल प्राप्त होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार 300 साल बाद महाशिवरात्रि पर महासंयोग बन रहा है।
महाशिवरात्रि पर दुर्लभ योग संयोग:-
1. त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत के साथ चतुर्दशी का संयोग। यानी त्रयोदशी के व्रत का फल भी मिलेगा।
2. शुक्रवार होने के कारण शु्र प्रदोष के व्रत का फल भी मिलेगा और माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होगी।
3. चतुर्दशी पर महाशिवरात्रि होने कर महाशिवरात्रि व्रत का फल भी मिलेगा।
महाशिवरात्रि यानी चतुर्दशक्ष और प्रदोष का दिन भगवान शिव को अति प्रिय हैं वहीं शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी और माता संतोषी का दिन है। दोनों की ही कृपा प्राप्त होगी। इन तीनों व्रत के फलस्वरूप आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी है।
अन्य शुभ योग :-
सर्वार्थ सिद्धि योग : कोई सा भी शुभ कार्य प्रारंभ करने के लिए शुभ योग।
शिवयोग योग : कठिन साधना को सिद्ध करने के लिए शुभ योग।
अमृत सिद्ध योग : कोई सी भी पूजा या कार्य करने से अमृत के समान फल मिलता है।
श्रवण नक्षत्र : श्रवण नक्षत्र में शिवपूजा का तुरंभ फल मिलता है।
Mahashivratri 2024
300 साल बाद त्रिकोणीय दुर्लभ संयोग: श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गर-तरण, मकर, कुंभ राशि भी चंद्रमा की साक्षी रहेगी। कुंभ राशि में सूर्य, शनि, बुध का युति संबंध रहेगा। ये योग 300 साल में एक या दो बार बनते हैं। जब नक्षत्र, योग और ग्रहों की स्थिति केंद्र त्रिकोण से संबंध रखती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त:-
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:08 से 12:56 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:30 से 03:17 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:23 से 06:48 तक।
सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:25 से 07:39 तक।
अमृत काल : रात्रि 10:43 से 12:08 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 06:38 से 10:41 तक।
शिव योग : 12:46 एएम, मार्च 09 तक।
निशिता मुहूर्त : रात्रि 12:07 से 12:56 तक।