Shri lakshmi dwadash naam stotram: दीपावली, महालक्ष्मी व्रतम और शुक्रवार के दिन माना लक्ष्मी के इन 12 पावरफुल नामों का जप करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। माता लक्ष्मी की कृपा से घर में धन संपत्ति, सुख और शांति बनी रहती है। मां लक्ष्मी के इन 12 नामों को श्री लक्ष्मी द्वादशनाम स्तोत्रम् नाम से जाना जाता है। इनका नित्य जप करने से अपार इन की प्राप्ति होती है।
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Srilakshmi Dwadasa Nama Stotram/श्री लक्ष्मी द्वादशनाम स्तोत्रम्
ईश्वरीकमला लक्ष्मीश्चलाभूतिर्हरिप्रिया। पद्मा पद्मालया सम्पद् रमा श्री: पद्मधारिणी।।
द्वादशैतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्य य: पठेत्। स्थिरा लक्ष्मीर्भवेत्तस्य पुत्रदारादिभिस्सह।।
इस स्तोत्रम् में देवी लक्ष्मी के 12 नाम बताए गए हैं। ईश्वरी, कमला, लक्ष्मी, चला, भूति, हरिप्रिया, पद्मा, पद्मालया, संपद्, रमा, श्री, पद्मधारिणी। इन 12 नामों का जाप करने से भक्त को स्थिर लक्ष्मी यानी धन, संतान सुख मिल सकता है और दरिद्रता दूर हो सकती है।
श्रीलक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम्/Srilakshmi Dwadasa Nama Stotram
श्रीदेवी प्रथमं नाम द्वितीयं अमृत्तोद्भवा तृत्तीयं कमला प्रोक्ता चतुर्थं लोकसुन्दरी
पञ्चमं विष्णुपत्नी च षष्ठं स्यात् वैष्णवी तथा सप्ततं तु वरारोहा अष्टमं हरिवल्लभा
नवमं शार्गिंणी प्रोक्ता दशमं देवदेविका एकादशं तु लक्ष्मीः स्यात् द्वादशं श्रीहरिप्रिया ।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः , आयुरारोग्यमैश्वर्यं तस्य पुण्यफलप्रदम्।।
द्विमासं सर्वकार्याणि षण्मासाद्राज्यमेव च, संवत्सरं तु पूजायाः श्रीलक्ष्म्याः पूज्य एव च।।
लक्ष्मीं क्षीरसमुद्रराजतनयां श्रीरङ्गधामेश्वरीं, दासीभूत समस्त देववनितां लोकैक दीपांकुराम् ।।
श्रीमन्मन्दकटाक्ष लब्ध विभव ब्रह्मेन्द्र गंगाधरां, त्वां त्रैलोक्य कुटुंबिनीं सरसिजां वन्दे मुकुन्दप्रियाम् ।।
। । इति श्रीलक्ष्मीद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् । ।
श्रीलक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम् मंत्र जप विधि :-
स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल का शुद्धिकरण करें।
माता लक्ष्मी को लकड़ी के पाट पर विराजमान करके उन्हें भी जल से शुद्ध करें।
माता के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें और उन्हें धूप दें।
देवी को कमल और लाल गुलाब के फूल अर्पित करें।
वस्त्र, पुष्पहार, कुमकुम आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं। भोग लगाएं।
धूप-दीप जलाकर आरती करें।
लक्ष्मी मूर्ति के सामने कुश आसन लगाकर बैठें और स्फटिक की माला की मदद से 108 बार श्रीलक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम् मंत्र का जाप करें।
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