Puja

Narada Jayanti 2024 : नारद जयंती पर जानें महत्व, कथा और मंत्र

narad praktousav

  

Highlights : 
 

नारद जयंती के खास मंत्र। 

नारद जयंती की कथा क्या है।  

देवर्षि नारद कौन थे।  

 

ALSO READ: Guru ketu gochar : गुरु और केतु के नवपंचम योग से 3 राशियों को मिलेगा बड़ा फायदा
 

Narada Jayanti : वर्ष  2024 में भगवान श्री विष्णु के परमभक्त नारद जी की जयंती 24 मई, दिन शुक्रवार को मनाई जा रही है।  

 

हिन्दू धर्म की मान्यतानुसार प्रतिवर्ष ज्येष्‍ठ माह के कृष्‍ण पक्ष की एकम-द्वितीया तिथि को नारद जयंती मनाई जाती है। तथा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि शुक्रवार को है, कैलेंडर के मतान्तर से यह कई जगहों पर 25 मई को भी मनाए जानें की सम्भवना है. 

 

यहां जानते हैं नारद जयंती के बारे में… 

 

महत्व : नारद जी को देवी-देवताओं का संदेशवाहक माना जाता है। वे वेद व्यास जी, महर्षि वाल्मीकि और तथा शुकदेव जी के गुरु भी हैं।वे श्री नारायण के सच्चे सहायक हैं, क्योंकि वे हर समय नारायण-नारायण मंत्र जप  करते रहते है। अतः आज के दिन उनका पूजन करने से वे अपने दुखों को श्री हरि तक पहुँचाते है। इसी कारण इस दिन श्री विष्णु के साथ लक्ष्मी जी की पूजा करने का विशेष महत्व हैं।  

 

मंत्र – 

–  नारायण नारायण 

– ॐ नारदाय नम: 

–  ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

– ॐ विष्णु प्रियाय महालक्ष्मै नमः 

 

कथा : हिन्‍दू धर्म की मान्‍यतानुसार सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की गोद से नारद मुनि का जन्‍म हुआ था। तथा ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार वे ब्रह्मा के कंठ से उत्पन्न हुए थे। अतः  नारद जी को ब्रह्मा जी का मानस पुत्र माना जाता है।

 

एक दूसरी कथा के अनुसार एक दक्षपुत्रों को योग का उपदेश देकर संसार से विमुख करने पर दक्ष क्रुद्ध हो गए और उन्होंने नारद जी का विनाश कर दिया। और उन्हें सब लोकों में घूमते रहने का शाप दिया था।

फिर ब्रह्मदेव  के आग्रह पर दक्ष ने कहा कि मैं आपको एक कन्या दे रहा हूं, उसका काश्यप से विवाह होने पर नारद पुनः जन्म लेंगे। कहते हैं कि भगवान विष्णु ने नारद को माया के विविध रूप समझाए थे। एक बार यात्रा के दौरान एक सरोवर में स्नान करने से नारद को स्त्रीत्व प्राप्त हो गया था। स्त्री रूप में नारद 12 वर्षों तक राजा तालजंघ की पत्नी के रूप में रहे। फिर विष्णु भगवान की कृपा से उन्हें पुनः सरोवर में स्नान का मौका मिला और वे पुनः नारद के स्वरूप को लौटे।

 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: Narmada nadi : नर्मदा नदी के विपरीत दिशा में बहने का कारण जानकर रह जाएंगे हैरान