Nag Panchami 2024
Nag panchami 2024: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। आज 9 अगस्त 2024 को नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन तवा नहीं चढ़ता है। कई घरों में रोटी नहीं बनाई जाती है और किसी भी प्रकार से धारदार हथियारों का उपयोग नहीं किया जाता है। आखिर ऐसे क्यों करते हैं?ALSO READ: Nag panchami 2024: आज देशभर में मनाई जा रही नागपंचमी, इस शुभ मुहूर्त में सरल विधि से करें पूजा
क्यों नहीं बनाते हैं नागपंचमी पर रोटी?
कहते हैं कि नाग पंचमी पर लोहे की किसी भी वस्तु का उपयोग नहीं करते हैं। रोटी बनाते समय लोहे के तवे का उपयोग किया जाता है।
इसीलिए रोटी नहीं बनाते हैं, लेकिन बाटी बना सकते हैं।
कई लोग तवे को सर्फ से जोड़कर भी देखते हैं इसलिए भी तवे को अग्नि पर नहीं रखा जाता।
यह भी कहते हैं कि तवा राहु का प्रतीक है। अग्नि पर तवा रखने से कुंडली में राहू ग्रह का प्रभाव बढ़ता है और राहू दोष भी लग सकता है।
यदि नाग पंचमी पर रोटी बनाते हैं तो माना जाता है कि नागों को कठिनाइयों से दोचार होना पड़ सकता है।
हालांकि कई लोग इसे अंधविश्वास से जोड़कर देखने हैं। यदि लोहे के तवा का उपयोग नहीं कर सकते हैं तो मिट्टी का भी तवा मिलता है।
नागपंचमी के अलावा शीतला अष्टमी पर भी तवे का उपयोग नहीं करते हैं और रोटी नहीं बनाते हैं। इस दिन बासी भोजन का सेवन किया जाता है।
कुंछ संप्रदायों में मकर संक्रांति, शरद पूर्णिमा और दीवाली के दिन भी रोटी नहीं बनाई जाती है।
नागपंचमी के दिन किसी भी प्रकार से धारधार वस्तुओं का उपयोग भी नहीं किया जाता है। इससे नागों को कष्ट होता है।
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नाग पंचमी की सावधानियां:-
1. किसी भी नाग को किसी भी तरह से ना सताएं।
2. इस दिन भूमि की खुदाई नहीं करते हैं।
3. इस दिन साग काटने की भी मनाई है।
4. इस दिन हल चलाना या जुताई कराना भी मना है।
5. इस दिन सुई धागे से किसी तरह की सिलाई भी नहीं की जाती है।
6. इस दिन तवा और लोहे की कड़ाही आदि पर भोजन नहीं पकाया जाता है।
7. किसान लोग अपनी नई फसल का तब तक उपयोग नहीं करते जब तक वह नए अनाज से नाग की बांबी को रोट न चढ़ाएं।
8. नाग पंचमी पर जीवित नाग की पूजा न करें बल्कि मूर्ति की पूजा करें। बांबी की पूजा करते हैं।
9. कहते हैं कि सांप या नाग के लिए दूध जहर समान होता है जिसके चलते बाद में उनकी मृत्यु हो जाती है। अत: नाग को दूध न पिलाएं।
10. बिना शिवजी की पूजा के नागों की पूजा नहीं की जाती है। नागों की स्वंतत्र पूजा नहीं होती। उनकी शिवजी के आभूषण के रूप में ही पूजा होती है।
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