Maha lakshmi 2024: महाराष्ट्रीयन परिवार में महालक्ष्मी व्रत का खास महत्व रहता है। महालक्ष्मी व्रत, गणेश चतुर्थी के चार दिन पश्चात् अर्थात भाद्रपद माह के शुक्ल अष्टमी से प्रारम्भ होता है। इस बार 10 को आगम, 11 को महानवमी और 12 सितंबार 2024 को विसर्जन होगा। मुख्य पूजा 11 सितंबर 2024 बुधवार को रहेगी। कुछ परिवारों में महालक्ष्मी व्रत निरन्तर सोलह दिनों तक मनाया जाता है। इस बार 24 सितंबर मंगलवार तक यह व्रत चलेगा।
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 10 सितम्बर 2024 को रात्रि 11:11 बजे से।
अष्टमी तिथि समाप्त- 11 सितम्बर 2024 को रात्रि 11:46 बजे तक।
11 सितंबर पूजा के शुभ मुहूर्त:-
ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:32 से 05:18 तक।
प्रातः सन्ध्या- प्रात: 04:55 से 06:04 तक।
अमृत काल- दोपहर 12:05 से 01:46 तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:22 से 03:12 तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:31 से 06:54 तक।
सायाह्न सन्ध्या- शाम 06:31 से 07:40 तक।
महालक्ष्मी व्रत की पूजन विधि:-
1. प्रात:काल उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहन लें।
2. पूजा स्थल को साफ करके मां महालक्ष्मी की मूर्ति को चौकी सजाएं।
3. चौकी यां पाट पर लाल, पीला या केसरिये रंग का सूती कपड़ा बिछाकर उस पर स्वास्तिक बनाएं थोड़े चावल रखें।
4. चारों ओर फूल और आम के पत्तों से सजावट करें और पाट के सामने रंगोली बनाएं।
5. श्रीयंत्र के साथ ही तांबे के कलश में पानी भरकर उस पर नारियल रखें।
6. आसपास सुगंधित धूप, दीप, अगरबत्ती, आरती की थाली, आरती पुस्तक, प्रसाद आदि पहले से रख लें।
7. अब परिवार के सभी सददस्य एकत्रित होकर महालक्ष्मी मंत्र का उच्चारण करते हुए मूर्ति को पाट पर विराजमान करें।
8. अब विधिवत पूजा करके आरती करें और प्रसाद बांटें।
9. मंत्र : लक्ष्मी बीज मंत्र ‘ऊं ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः’, महालक्ष्मी मंत्र ‘ओम श्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ओम श्रीं श्रीं महालक्ष्मीये नमः’ या लक्ष्मी गायत्री मंत्र ‘ऊं श्री महालक्ष्मीये च विद्महे विष्णु पटनाय च धिमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयत् ऊं’ का जाप कर सकते हैं।
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