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Dhanteras 2024 date and time: धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि और यमदेव की पूजा का शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2024 Puja Date time: दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव में धनतेरस पहला दिन होता है। नरक चतुर्दशी और रूप चौदस दूसरा दिन, दीपावली तीसरा दिन, गोवर्धन पूजा और अन्नकूट चौथा दिन और भाई दूज पांचवां दिन होता है। इस बार धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसकी पूजा शुभ मुहूर्त शाम को 06:31 से रात्रि 08:13 बजे के बीच रहेगा। इस दिन पीतल के बर्तन और पीली वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है।

 

कब है धनतेरस का पर्व : इस बार 29 अक्टूबर, दिन मंगलवार को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धनवंतरी, कुबेर देवता और यम देव की पूजा करते हैं। इसी दिन मृत्यु के देवता यमराज के निमित्त घर के बाहर दीया जलाया जाता है, जिसे यम दीपम कहा जाता है। इस वर्ष 2024 में दीपावली पर्व 31 अक्टूबर, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।

 

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ- 29 अक्टूबर 2024, मंगलवार को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से।

त्रयोदशी तिथि समाप्त- 30 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार को अपराह्न 01 बजकर 15 मिनट पर। 

 

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम को 06 बजकर 31 मिनट से रात्रि 08 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।

 

पूजा का अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक।

पूजा का गोधूलि मुहूर्त: शाम को 05 बजकर 38 मिनट से शाम को 06 बजकर 04 मिनट तक।

पूजा का रात्रिकाल का चौघड़िया मुहूर्त: रात्रि 07 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट तक।

 

धनतेरस खरीदारी के शुभ मुहूर्त:-

पहला मुहूर्त : खरीदारी का त्रिपुष्कर योग : इस दिन यह योग सुबह 06 बजकर 31 से सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इस योग में खरीदी गई वस्तुओं में तीन गुना बढ़ोतरी होगी।

 

दूसरा मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट के बीच करें खरीदारी।

1. सोना : इस दिन सोने के आभूषण खरीदने की परंपरा भी है। सोना भी लक्ष्मी और बृस्पति का प्रतीक है इसलिए सोना खरीदने की परंपरा है।

 

2. चांदी : इस दिन चांदी खरीदना चाहिए क्योंकि चांदी कुबेर देव की धातु है। इस दिन चांदी खरीदने से घर में यश, कीर्ति, ऐश्वर्य और संपदा में वृद्धि होती है। चांद्र चंद्र की धातु है जो जीवन में शीतलता और शांति को स्थापित करती है।

 

3. पीतल का बर्तन : इस दिन पीतल का बर्तन खरीदना चाहिए क्योंकि पीतल भगवान धन्वंतरी की धातु है। पीतल खरीदने से घर में आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभता आती है। पीतल गुरु की धातु है। यह बहुत ही शुभ है। बृहस्पति ग्रह की शांति करनी हो तो पीतल का इस्तेमाल किया जाता है।

 

4. धनिया (खड़ा धनिया): खरीदना बहुत ही शुभ होता है। इस दिन जहां ग्रामीण क्षेत्रों में धनिए के नए बीज खरीदते हैं वहीं शहरी क्षेत्र में पूजा के लिए साबुत धनिया खरीदते हैं। धनिया भी बृहस्पति ग्रह का कारक है। इस दिन सूखे धनिया के बीज को पीसकर गुड़ के साथ मिलकर एक मिश्रण बनाकर ‘नैवेद्य’ तैयार करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से धन का नुकसान नहीं होता है। धनिया को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए धनतेरस को थोड़ी सी धनिया जरूर खरीदें। किवदंति अनुसार ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को धनिया अर्पित करने और भगवान धनवंतरि के चरणों में धनिया चढ़ाने के बाद उनसे प्रार्थना करने से मेहनत का फल मिलता है और व्यक्ति तरक्की करता है। पूजा के बाद आप धनिया का प्रसाद बनता है जिसे सब लोगों के बीच वितरित किया जाता है।