How to worship Lord Dattatreya: ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश के अवतार तथा त्रिमूर्ति के रूप में पहचाने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय की जयंती हर साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस साल यानि वर्ष 2024 में पंचांग के हिसाब से दत्तात्रेय जयंती दिन दिसंबर 15, 2024, रविवार को मनाई जा रही है। अत: इस समय में दत्तात्रेय भगवान का पूजन करने से मनुष्य की समस्त मनोकामना पूर्ण होती है तथा उनके मंत्र जाप से पितृ दोष दूर होता है। आओ जानते हैं शुभ मुहूर्त में पूजा करने की विधि।
दत्तात्रेय पूजन का शुभ मुहूर्त : गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:23 से 05:51 के बीच।
भगवान दत्तात्रेय के चमत्कारिक एवं तुरंत फल देने वाले खास मंत्र :
* दत्तात्रेय का महामंत्र – ‘दिगंबरा-दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा’
* तांत्रोक्त दत्तात्रेय मंत्र – ‘ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नम:’
* दत्त गायत्री मंत्र – ‘ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दत: प्रचोदयात’
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दत्तात्रेय जयंती पर पूजा विधि (Dattatreya Jayanti Puja Vidhi)
1. दत्तात्रेय जयंती के दिन साधक को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद साधक चाहें तो मंदिर में जाकर भगवान दत्तात्रेय की पूजा कर सकता है या फिर अपने घर पर ही भगवान दत्तात्रेय की पूजा कर सकता है।
3. साधक को दत्तात्रेय की पूजा करने से पहले एक चौकी पर गंगाजल छिड़कर उस पर साफ वस्त्र बिछाना चाहिए और भगवान दत्तात्रेय की तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।
4. इसके बाद भगवान दत्तात्रेय को फूल, माला आदि अर्पित करके उनकी धूप व दीप से विधिवत पूजा करनी चाहिए।
5. साधक को इस दिन भगवान के प्रवचन वाली अवधूत गीता और जीवनमुक्ता गीता अवश्य पढ़नी चाहिए।