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Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के दिन कौनसे कार्य करें

2025 Mauni Amavasya : मौनी अमावस्या हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन पितरों का तर्पण, दान और पूजा करने का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस बार 29 जनवरी, बुधवार के दिन मौनी अमावस्या पड़ रही है। साथ ही प्रयागराज महाकुंभ के चलते इस दिन अमृत स्नान भी संपन्न हो रहा है।ALSO READ: कुंभ मेले में हादसों का क्या है इतिहास, जानिए कब कब मची थी महाकुंभ में भगदड़ और कितने लोगों की गई जान

आइए जानते हैं मौनी अमावस्या पर कौनसे कार्य करने से आप समस्त संकटों से मुक्ति पा सकते हैं और आपके घर में स्थायी लक्ष्मी का वास हो सकता है।

 

1. मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण: पितृ तर्पण मौनी अमावस्या का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। मान्यता है कि इस दिन पितरलोक से पितर धरती पर आते हैं। इसलिए इस दिन पितरों का तर्पण करके उन्हें तृप्त किया जाता है। पितरों का आशीर्वाद मिलने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी संकट दूर होते हैं।

 

मौनी अमावस्या पर कैसे करें तर्पण: इस दिन पवित्र नदी के किनारे या घर में एक पात्र में जल भरकर उसमें कुश, तिल, गंगाजल और कुछ दान डालकर पितरों का नाम लेकर तर्पण करें।ALSO READ: महाकुंभ के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु? जानिए नागाओं की रहस्यमयी दुनिया के बारे में

 

2. दान: मौनी अमावस्या के दिन दान करने का विशेष महत्व है। इस अवसर पर आप असहायों या गरीबों को भोजन, वस्त्र या कुछ रुपये-पैसे यानि धन दान कर सकते हैं। मान्यता है कि दान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

मौनी अमावस्या क्या दान करें: इस पर्व पर आप अन्न, वस्त्र, पैसा, किताबें, कंबल, तिल आदि दान कर सकते हैं।

 

3. मौन व्रत रखें : मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का भी बहुत महत्व है। मौन रहने से मन शांत होता है और हमें आत्म-चिंतन करने का अवसर भी मिलता है।

मौन रहने से जहां मन की अशुद्धियां दूर होती हैं, वहीं व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से उन्नति करता है। इसी कारण माघ मास की अमावस के दिन मौन व्रत रखने का बहुत अधिक धार्मिक महत्व कहा गया है। साथ ही इस दिन झूठ न बोलें, क्रोध न करें और ना ही किसी का अपमान करें। अपने मन को शांत रखें।

 

इसके अलावा आप मौनी अमावस्या के दिन और क्या-क्या कर सकते हैं। आइये जानते हैं यहां :

 

* सूर्य अर्घ्य दें: सुबह उठकर स्नान करके सूर्यदेव को जल अर्घ्य दें।

* शिवलिंग का अभिषेक: भगवान शिव का अभिषेक करने से मन शांत होता है।

* तुलसी की पूजा: तुलसी के पौधे की पूजा करें और दीपक जलाएं।

* मंत्र जाप: आप अपने इष्टदेव का मंत्र जाप कर सकते हैं।

 

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