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Hanuman jayanti 2023 : हनुमानजी के 5 सबसे जागृत स्थान, यहां जाकर होती है सभी मनोकामना पूर्ण

हनुमान जयंती 2023 : भारत और अन्य देशों में हनुमानजी के यूं तो हजारों मंदिर है और हर मंदिर का अपना ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व है, परंतु कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां की सिद्धि और महत्व विश्‍वभर में प्रसिद्ध है। इन जगहों पर लोग जाना चाहते हैं और यह माना जाता है कि जो भी एक बार यहां गया है उसकी मनोकामना जरूर पूरी हुई है। आओ जानते हैं ऐसे में मंदिरों में से 5 प्रमुख मंदिर।
 

 

1. बालाजी हनुमान मंदिर मेहंदीपुर (राजस्थान) : राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ घाटा मेहंदीपुर नामक स्थान है, जहां पर बहुत बड़ी चट्टान में हनुमानजी की आकृति स्वत: ही उभर आई है जिसे श्रीबालाजी महाराज कहते हैं। इसे हनुमानजी का बाल स्वरूप माना जाता है। इनके चरणों में छोटी-सी कुंडी है जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता। यहां के हनुमानजी का विग्रह काफी शक्तिशाली एवं चमत्कारिक माना जाता है तथा इसी वजह से यह स्थान न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में विख्यात है। यहां हनुमानजी के साथ ही शिवजी और भैरवजी की भी पूजा की जाती है।

 

2. हनुमानगढ़ी : अयोध्या में स्थित यह सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यह मंदिर अयोध्या में सरयू नदी के दाहिने तट पर एक ऊंचे टीले पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए 76 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। यहां पर स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा केवल छः (6) इंच लंबी है, जो हमेशा फूल-मालाओं से सुशोभित रहती है।

 

3. बालाजी हनुमान मंदिर, सालासर (राजस्थान) : हनुमानजी का यह मंदिर राजस्थान के चुरु जिले के गांव सालासर में स्थित है। इन्हें सालासर के बालाजी हनुमान के नाम से पुकारा जाता है। यहां स्थित हनुमानजी की प्रतिमा दाढ़ी व मूंछ से सुशोभित है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और मनचाहा वरदान पाते हैं। इस मंदिर के संस्थापक श्री मोहनदासजी बचपन से श्री हनुमानजी के प्रति अगाध श्रद्धा रखते थे। माना जाता है कि हनुमानजी की यह प्रतिमा एक किसान को जमीन जोतते समय मिली थी जिसे सालासर में सोने के सिंहासन पर स्थापित किया गया है।

 

4. संकटमोचन हनुमान मंदिर : भूतभावन आशुतोष की पावन नगरी बनारस में अवस्थित है संकटमोचन हनुमान मंदिर। इस पावन नगरी में जिस स्थान पर गोस्वामी तुलसीदास को अंजनीसुत ने दर्शन दिए, वही स्थान आज संकटमोचन के नाम से सुविख्यात है। जिस मुद्रा में गोस्वामी को दर्शन हुए, उसी की प्रतिकृति है यहां का विग्रह। स्वयं तुलसीदासजी ने यह मूर्ति स्थापित करवाई थी। इस मंदिर के प्रांगण में हनुमत विग्रह के सामने ही सानुज श्रीराम, माता जानकी के साथ विराजित हैं। काशी से ही जिस गुफानुमा कोठरी में गोस्वामी ने साधनारत अपने जीवन का अंतिम समय गुजारा वहां भी ‘गुफा के हनुमान’ के रूप में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है।

 

5. यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर, हंपी (कर्नाटक) : बेल्लारी जिले के हंपी नामक नगर में एक हनुमान मंदिर स्थापित है। इस मंदिर में प्रतिष्ठित हनुमानजी को यंत्रोद्धारक हनुमान कहा जाता है। विद्वानों के मतानुसार यही क्षेत्र प्राचीन किष्किंधा नगरी है। वाल्मीकि रामायण व रामचरित मानस में इस स्थान का वर्णन मिलता है। संभवतया इसी स्थान पर किसी समय वानरों का विशाल साम्राज्य स्थापित था। आज भी यहां अनेक गुफाएं हैं। इस मंदिर में श्रीरामनवमी के दिन से लेकर 3 दिन तक विशाल उत्सव मनाया जाता है।