Sankat Chaturthi Vrat 2023: प्रत्येक माह में दो चतुर्थी होती है। कृष्ण पक्ष में संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष में विनायकी चतुर्थी। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानी संकष्टी चतुर्थी में शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। यह खला तिथि ‘रिक्ता संज्ञक’ कहलाती है। इसमें व्रत ही कर सकते हैं। आओ जानते हैं कि क्यों करते हैं संकष्टी चतुर्थी का व्रत और क्या मिलेगा इसका फल।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत क्यों करते हैं | Why do we fast on Sankashti Chaturthi?
पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं। सभी व्रत के लिए एक अलग व्रत कथा है।
चतुर्थी (चौथ) के देवता हैं शिवपुत्र गणेश। इस तिथि में भगवान गणेश का पूजन से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने के फायदे क्या है | What are the benefits of fasting on Sankashti Chaturthi??
संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी। इस दिन जो व्रत रखता है उसके संकटों का नाश हो जाता है।
चतुर्थी के व्रतों के पालन से संकट से मुक्ति तो मिलती ही है साथ ही आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है।
संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है।
ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
श्रीगणेश को दूर्वा अर्पण करने का मंत्र
‘श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि।’