naagpanchami 2023 : इस बार सोमवार, 21 अगस्त 2023 को नागपंचमी पर्व मनाया जा रहा है। नागपंचमी का पर्व सावन महीने में मनाया जाता है। इस दिन जिन्हें कालसर्प दोष हैं, यदि वे नाग देवता की पूजा करें, तो उन्हें लाभ प्राप्त होता है। इस दिन नागदेव को दूध सिर्फ चढ़ाया जाता है, दूध पिलाने से उन्हें कष्ट होता है। अत: नागपंचमी पर उन्हें दूध पिलाने की सख्त मनाही हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह जब राहु और केतु के मध्य आ जाते हैं तो कालसर्प दोष लग जाता है। महर्षि पाराशर और वराहमिहिर के शास्त्रों में भी कालसर्प दोष का वर्णन मिलता है। अत: सावन के महीने में कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए ये 3 काम अवश्य ही करना चाहिए। आइए जानते हैं-
1. सावन में आने वाली पंचमी तिथि पर नागदेव की आराधना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन विशेष रूप से शिव मंदिर में शिव गायत्री मंत्र- ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि तन्नोरुद्र: प्रचोदयात्।’ का एक माला का जप करने और चांदी, सोने या तांबे के नाग-नागिन के जोड़े चढ़ाने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। शिव गायत्री मंत्र का यह उपाय बहुत लाभदायी होता है।
2. नागपंचमी के दिन शिव मंदिर में 21 चंदन धूपबत्ती और 5 तेल या घी के दीपक लगाकर शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से धन-धान्य, समृद्धि, ऐश्वर्य, सौभाग्य, संपत्ति, सफलता, प्रगति और संतान सुख का आशीष मिलता है तथा निश्चित रूप से शुभ फल प्राप्त होगा।
3. यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो वह नागपंचमी के दिन शिव जी के साथ नाग देवता का पूजन करें तो इस दोष से मुक्ति पा सकता है। अत: नागपंचमी के दिन नाग प्रतिमा का पूजन करते समय मंत्र निम्न मंत्र का जाप करने से जीवन में कालसर्प दोष का कुप्रभाव कम हो जाता है।
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।।
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Nag Panchami 2023