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Bhai dooj katha: भाई दूज की पौराणिक कथा

Bhai dooj ki kahani: रक्षा बंधन पर भाई अपनी बहन को बुलाता है और भाई दूज पर बहन अपने भाई को अपने घर बुलाकर टीका लगाती हैं और भोजन कराकर भाई के लम्बे और खुशहाल जीवन की प्रार्थना करती हैं। इस दौरान भाई अपनी बहनों को उपहार देता। भैय्या दूज को भाऊ बीज, भाई दूज, भात्र द्वितीया और भतरु द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज तिलक एवं भोजन मुहूर्त: 3 नवंबर 2024 को अपराह्न 01:10 से 03:22 के बीच रहेगा।

भाई दूज की कथा कहानी:-

यह कथा सूर्यदेव और छाया के पुत्र पुत्री यमराज तथा यमुना से संबंधित है। यमुना अक्सर अपने भाई यमराज से स्नेहवश निवेदन करती कि वे उनके घर आकर भोजन ग्रहण करें। परंतु यमराज व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को टाल देते थे। कार्तिक माह के शुक्ल द्वितीया को यमुना अपने द्वार पर भाई यमराज को खड़ा देखकर हर्ष-विभोर हो जाती हैं। प्रसन्नचित्त होकर भाई का स्वागत सत्कार कर भोजन करवाती हैं।ALSO READ: भाई दूज पर बहनें क्यों देती हैं भाइयों को नारियल का गोला? क्या है भगवान श्रीकृष्ण से भाई दूज का संबंध

 

बहन यमुना के प्रेम, समर्पण और स्नेह से प्रसन्न होकर यमदेव ने वर मांगने को कहा, तब बहन यमुना ने भाई यमराज से कहा कि आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहां भोजन करने आएं तथा इस दिन जो बहन अपने भाई को टीका कर भोजन खिलाए उसे आपका भय न रहे। यमराज ‘तथास्तु’ कहकर यमलोक चले गए। तब से मान्यता है कि जो भाई आज के दिन पूरी श्रद्धा से बहन के आतिथ्य को स्वीकार करता है उसे और उसकी बहन को यमदेव का भय नहीं रहता है। 

 

इसीलिए ऐसी मान्यता प्रचलित हुई कि जो भाई आज के दिन यमुना में स्नान करके पूरी श्रद्धा से बहनों के आतिथ्य को स्वीकार करते हैं उन्हें तथा उनकी बहन को यम का भय नहीं रहता। कहते हैं कि इस दिन जो भाई-बहन इस रस्म को निभाकर यमुनाजी में स्नान करते हैं, उनको यमराजजी यमलोक की यातना नहीं देते हैं। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन यमुना का पूजन किया जाता है। भाई दूज पर भाई को भोजन के बाद भाई को पान खिलाने का ज्यादा महत्व माना जाता है। मान्यता है कि पान भेंट करने से बहनों का सौभाग्य अखण्ड रहता है।ALSO READ: Bhai Dooj 2024: भाई दूज कब है, जानिए तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त