Saraswati Mantra for Students
HIGHLIGHTS
* पढ़ाई के साथ देवी सरस्वती के मंत्र का जाप देंगे परीक्षा में सफलता।
* बसंती पंचमी के दिन करें इन सरल सरस्वती मंत्रों का जाप, एक्जाम में मिलेगी सक्सेस।
* सरस्वती जयंती के खास मंत्र।
Saraswati Mantra : वर्ष 2024 में 14 फरवरी, बुधवार के दिन बसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन माता सरस्वती की जयंती भी मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में देवी सरस्वती को वाणी, विद्या और बुद्धि की देवी के रूप में जाना जाता है। यदि आप विद्यार्थी हैं तो आपको माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। इनकी साधना से आप परीक्षा में अच्छी सफलता पा सकते हैं। बसंत पंचमी के दिन से माता के निम्न मंत्रों जप का आरंभ करने विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।
जो लोग देवी सरस्वती के कठिन मंत्रों का जप नहीं कर सकते उनके लिए यहां प्रस्तुत हैं मां सरस्वती के आसान मंत्र। आइए जानें विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती को प्रसन्न करने के सरलतम मंत्र-
1. ‘ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।’
– शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब मनोरथों को देने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें।
2. सरस्वती का बीज मंत्र ‘क्लीं‘ है। शास्त्रों में क्लींकारी कामरूपिण्यै यानी ‘क्लीं‘ काम रूप में पूजनीय है।
– नीचे दिए गए मंत्र से मनुष्य की वाणी सिद्ध हो जाती है। समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला यह मंत्र सरस्वती का सबसे दिव्य मंत्र है।
3. सरस्वती गायत्री मंत्र : ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।’
इस मंत्र की 5 माला का जाप करने से साक्षात मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं तथा साधक को ज्ञान-विद्या का लाभ प्राप्त होना शुरू हो जाता है। विद्यार्थियों को ध्यान करने के लिए त्राटक अवश्य करना चाहिए। 10 मिनट रोज त्राटक करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। एक बार अध्ययन करने से कंठस्थ हो जाता है।
4. – मां सरस्वती का सुप्रसिद्ध मंदिर मैहर में स्थित है। मैहर की शारदा माता को प्रसन्न करने का मंत्र इस प्रकार है।
‘शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।
5. नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनी,
त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,
कंबू कंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणंभूषिता,
महासरस्वती देवी, जिव्हाग्रे सन्नी विश्यताम् ।।
शारदायै नमस्तुभ्यं , मम ह्रदय प्रवेशिनी,
परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।
6. ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
7. ‘सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:। वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।।
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने। विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।’
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