Ganesh Chaturthi 2023
Special: बप्पा के भक्त उनके स्वागत के लिए पलक पावड़े बिछा कर इंतज़ार कर रहे हैं। उनकी ये प्रतीक्षा जल्दी ही ख़त्म हो रही है और फिर घर-घर में बाप्पा विराजेंगे। पूरी मायानगरी मुंबई में गणेशोत्सव की खास तैयारियां होती हैं। इस दौरान बच्चे से लेकर हर आयु के भक्तों का उत्साह चरम पर रहता है।
अगर इस साल गणेश चतुर्थी पर आप मुंबई के पंडालों में घूमना चाहते हैं तो आज इस आलेख में हम यहां आपको मुंबई के उन 8 पंडालों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें इस साल गणेशोत्सव के दौरान जरूर देखन चाहिए। ALSO READ: जबलपुर का वो मंदिर जहां भगवान गणेश ने विसर्जित होने से कर दिया था इंकार, जानिए क्या है पूरी कहानी
लालबाग चा राजा :
मुंबई में ‘लालबाग चा राजा’ कोई पूजा पंडाल या मंडल नहीं बल्कि यह मुंबई के गणेशोत्सव की जान है। दक्षिण मुंबई के लालबाग इलाके में ही ‘लालबाग चा राजा’ की पूजा होती है। लोग पूरी रात यहां लाइन में लगकर भगवान गणेश के दर्शन करते हैं। हर साल लाखों की संख्या में आम लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में VIP, VVIP और फिल्मी सितारे भी ‘लालबाग चा राजा’ के दर्शन करने पहुंचते हैं।
चिंचपोकली चा राजा:
मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणेशोत्सव पंडालों में से एक है ‘चिंचपोकली चा राजा’, जिन्हें चिंतामणी के नाम से भी जाना जाता है। यहां सिर्फ भगवान गणेश की पूजा ही नहीं होती है बल्कि पंडाल का अनोखा डिजाइन और समय-समय पर किया जाने वाला समाज सेवा का काम की भी लोग खूब सराहना करते हैं। चिंचपोकली में होने वाले इस गणेश चतुर्थी पंडाल में भगवान के दर्शन करने के लिए दूर-दराज के इलाकों से भी श्रद्धालु आते रहते हैं।
जीएसबी सेवा मंडल:
मुंबई के किंग्स सर्कल पर जीएसबी सेवा मंडल की गणपति पूजा आयोजित होती है। हर साल यहां महा गणपति की स्थापना होती है, जिन्हें 295 किलो से ज्यादा चांदी और 66 किलो से ज्यादा वजन के सोने के आभूषणों से सजाया जाता है। जीएसबी सेवा मंडल के गणपति पूजा पंडाल में पूरा वातावरण भक्तिमय रहता है।
खेतवाडी चा गणराज:
मुंबई के ग्रैंट रोड में खेतवाडी के 12वें लेन में होती है ‘खेतवाडी चा गणराज’ की पूजा। यहां पारंपरिक तरीके से भगवान गणेश की पूजा होती है। इस गणेशोत्सव मंडल की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां सालों से भगवान गणेश की एक ही प्रकार की प्रतिमा की पूजा की जाती है। यहां पंडाल को अलग अंदाज में भले ही सजाया जाए लेकिन भगवान गणेश के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया जाता है। ‘खेतवाडी चा गणराज’ को कई अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।
गणेश गली मुंबई चा राजा:
यह गणेशोत्सव मंडल आजादी से पहले, वर्ष 1928 में, स्थापित किया गया था। कहा जा सकता है कि गणेश गली ‘मुंबई चा राजा’ गणेशोत्सव मंडल सिर्फ पुराना ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक भी है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान गणपति के दर्शन करने आते हैं।
लालबाग चा राजा से बस कुछ कदमों की दूरी पर ही होती है गणेश गली ‘मुंबई चा राजा’ की पूजा। यह मुंबई में घूमने लायक एक और शानदार गणेशोत्सव पंडाल है। हर साल यहां अलग-अलग थीम पर पंडाल को सजाया जाता है।
केशवजी नायक चौल:
कहा जाता है कि यह मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र का पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल है। पिछले करीब 132 सालों से यहां गणेश चतुर्थी उत्सव का आयोजन होता आ रहा है।
मुंबई के गिरगांव में मौजूद केशवजी नायक चौल की गणगति पूजा की शुरुआत वर्ष 1893 में हुई थी। यहां गणेश चतुर्थी की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की प्रेरणा से शुरू हुई थी।
अंधेरी चा राजा:
मुंबई के अंधेरी इलाके में वर्ष 1966 में ब्रिटिश कंपनी के लिए नील का उत्पादन करने वाले मजदूरों/किसानों ने इस गणेशोत्सव की शुरुआत की थी। लालबाग चा राजा के बाद अगर सबसे ज्यादा धूमधाम के साथ किसी गणेशोत्सव मंडल का विसर्जन जुलूस निकलता है तो वह है ‘अंधेरी चा राजा’ का। इस गणेशोत्सव पंडाल में भी बड़ी संख्या में फिल्मी दुनिया से सितारे बाप्पा के दर्शन करने पहुंचते हैं।
गिरगांव चा राजा:
कहा जाता है कि मुंबई में ‘गिरगांव चा राजा’ गणेशोत्सव की शुरुआत भी बाल गंगाधर तिलक ने ही की थी। यहां विशाल आकार वाले मिट्टी से बने भगवान गणेश की प्रतिमा का 10 दिनों तक पूजा किया जाता है। इस गणेशोत्सव पंडाल की खासियत है कि यहां भगवान गणेश को महाराष्ट्र का प्रतिष्ठित फेटा (पगड़ी) बांधा जाता है। जो इसे मराठी परंपरा और संस्कृति से जोड़ता है