Guru Pradosh Vrat
Highlights
* 01 अगस्त को गुरु प्रदोष व्रत।
* गुरु प्रदोष पूजा के मुहूर्त।
* गुरु प्रदोष व्रत के बारे में जानें।
ALSO READ: Guru pradosh : सावन में गुरु प्रदोष व्रत रखने के फायदे
Pradosh Vrat : हिंदू पंचांग कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2024 में अगस्त माह का पहला प्रदोष व्रत (त्रयोदशी तिथि) यानी गुरु प्रदोष व्रत दिन गुरुवार, 01 अगस्त 2024 को रखा जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार सायंकाल के समय को प्रदोष काल कहा जाता है।
मान्यतानुसार गुरु प्रदोष व्रत शुभ, मंगलकारी तथा शिव की अपार कृपा दिलाने वाला माना गया है। अत: प्रदोष व्रत के दिन सायंकाल में पूजन किया जाता है। इस व्रत से देवगुरु बृहस्पति की भी कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत सौ गायों का दान करने के बराबर फल देने वाला कहा गया है।
पूजा विधि :
– इस दिन पूजन के लिए एक जल से भरा हुआ कलश, बेल पत्र, धतूरा, भांग, कपूर, सफेद और पीले पुष्प एवं माला, आंकड़े का फूल, सफेद और पीली मिठाई, सफेद चंदन, धूप, दीप, घी, सफेद वस्त्र, आम की लकड़ी, हवन सामग्री, 1 आरती के लिए थाली सभी सामग्री को एकत्रित करके रख लें।
– त्रयोदशी तिथि के दिन सायं के समय प्रदोष काल में भगवान शिव जी का पूजन किया जाता है।
– इस तिथि पर देवगुरु बृहस्पति तथा शिव-पार्वती जी का पूजन किया जाता है।
– आज के शुभ मंत्र-
– ‘ॐ नम: शिवाय:’
– ‘ॐ बृं बृहस्पतये नम:’
इसका जाप करना अधिक महत्व का माना गया है।
गुरु प्रदोष व्रत : 01 अगस्त 2024, गुरुवार के मुहूर्त :
श्रावण कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ- 01 अगस्त को दोपहर 03:28 मिनट से,
प्रदोष व्रत का समापन- 02 अगस्त को दोपहर 03:26 मिनट पर।
त्रयोदशी पर गुरु प्रदोष व्रत का पूजन समय : शाम 07:12 से 09:18 मिनट तक।
कुल अवधि: 02 घंटे 06 मिनट्स
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।