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Kajari Teej 2023: कब है कजरी तीज, कैसे करें पूजा, क्या है महत्व और मुहूर्त, कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं?

 

Kajari teej 2023 in Hindi :वर्ष 2023 में कजली तीज का पर्व 2 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन के तीन दिन बाद और कृष्ण जन्माष्टमी से पांच दिन पहले जो तीज पड़ती है उसे ही कजरी तीज के रूप में मनाया जाता है। इसे अन्य नाम सातुड़ी तीज और कजली तीज है। इस बार भाद्रपद कृष्‍ण तृतीया का प्रारंभ 1 सितंबर रात 11.50 मिनट से होकर 2 सितंबर 2023 को रात 8.49 मिनट तक जारी रहेगा। 

 

क्यों और कैसे मनाई जाती है यह तीज : कजली तीज का पर्व भारत भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सुबह जल्दी सूर्योदय से पहले उठकर धम्मोड़ी यानी हल्का नाश्ता करने का रिवाज है। यह त्योहार उत्सव स्वरूप में मनाते हैं, जिसमें पालकी को सजा कर उसमें तीज माता की सवारी निकाली जाती है। इसमें हाथी, घोड़े, ऊंट, तथा कई लोक नर्तक और कलाकार हिस्सा लेते हैं। महिलाएं और लड़कियां इस दिन परिवार के सुख शांति की मंगलकामना से व्रत-उपवास रखती है। इस दिन नीम के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व है। 

  

जिस प्रकार से पंजाब में करवा चौथ के दिन सुबह सरगी की जाती है, इसके बाद कुछ नहीं खाया जाता और दिन भर व्रत चलता है, उसी प्रकार कजरी तीज/कजली/सातूड़ी तीज व्रत में भी एक समय आहार करने के पश्चात दिन भर कुछ नहीं खाया जाता है। शाम को चंद्रमा की पूजा कर कथा सुनी जाती है। नीमड़ी माता की पूजा करके नीमड़ी माता की कहानी सुनी जाती है। चांद निकलने पर उसकी पूजा की जाती है। चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया जाता है। इसके बाद सत्तू के स्वादिष्ट व्यंजन खाकर व्रत तोड़ा जाता है।

 

आइए जानते हैं पूजन का शुभ मुहूर्त 2023 में : 

 

शनिवार, 2 सितंबर 2023 को कजरी तीज 

भाद्रपद कृष्ण तृतीया तिथि का प्रारंभ- 1 सितंबर 2023 को 11.50 पी एम से,

तृतीया तिथि का समापन- 2 सितंबर, 2023 को 08.49 पी एम पर। 

 

2 सितंबर : दिन का चौघड़िया

शुभ- 07.35 ए एम से 09.10 ए एम

चर- 12.21 पी एम से 01.56 पी एम

लाभ- 01.56 पी एम से 03.31 पी एम

अमृत- 03.31 पी एम से 05.07 पी एम

 

रात्रि का चौघड़िया

लाभ- 06.42 पी एम से 08.07 पी एम

शुभ- 09.31 पी एम से 10.56 पी एम

अमृत- 10.56 पी एम से 3 सितंबर को 12.21 ए एम तक। 

चर- 12.21 ए एम से 3 सितंबर को 01.46 ए एम तक।

लाभ- 04.35 ए एम से 3 सितंबर को 06.00 ए एम तक।

 

ब्रह्म मुहूर्त- 04.29 ए एम से 05.14 ए एम

प्रातः सन्ध्या मुहूर्त- 04.52 ए एम से 05.59 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 11.55 ए एम से 12.46 पी एम

विजय मुहूर्त- 02.28 पी एम से 03.19 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 06.42 पी एम से 07.05 पी एम

सायाह्न सन्ध्या मुहूर्त- 06.42 पी एम से 07.50 पी एम

अमृत काल- 08.12 ए एम से 09.38 ए एम

निशिता मुहूर्त- 11.58 पी एम से 3 सितंबर 12.43 ए एम तक। 

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