Til ka prayog upyog upay: 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। मकर संक्रांति पर तिल, गुड़ और खिचड़ी का बहुत महत्व होता है। इसी के साथ सूर्य को अर्घ्य देना और श्री हरि विष्णु की पूजा करने का भी खास महत्व माना गया है। आओ जानते हैं कि मकर संक्रांति पर तिल के कौनसे प्रयोग करने से आपका भाग्य खुल जाएगा और घर में सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहेगी।ALSO READ: Makar sankranti ke upay: मकर संक्रांति पर कर लें ये 5 अचूक उपाय, पूरे वर्ष नहीं रहेगी धन की कमी
1. तिल जल से स्नान करना: तिल जल से स्नान का भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद में विशेष महत्व है। इसे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
2. तिल दान करना: तिल दान का उल्लेख धार्मिक ग्रंथों जैसे वेद, पुराण, और स्मृतियों में किया गया है। इसके कई आध्यात्मिक, धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ हैं। तिल दान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। काले तिल और गुड़ का दान करने से सूर्य और शनि दोनों की कृपा प्राप्त होती है। संक्रांति के दिन काले तिल के लड्डू, नमक, गुड़, काले तिल, फल, खिचड़ी और हरी सब्जी का दान अतिशुभ माना गया है। इस दिन तिल गुड़ या रेवड़ी का दान किया जाता है।
3. तिल से बना भोजन करना: मकर संक्रांति के दिन तिल के लड्डू बनाकर खाते हैं क्योंकि तिल कैल्शियम, फॉस्फोरस और जिंक से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है। तिल के लड्डू हड्डियों की कमजोरी से बचाव में मदद करते हैं। काले तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर खाने से घर में सुख समृद्धि आती है
4. जल में तिल अर्पण करना: जल में तिल अर्पण करने को “तिल अर्पण” या “तिलांजलि” के नाम से भी जाना जाता है। जल में तिल अर्पण करने से व्यक्ति के पापों का क्षय होता है। इस दिन तिल मिला पानी सूर्यदेव को अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस दिन पितरों की शांति के लिए जल युक्त अपर्ण करें। पितरों को जल देते समय उसमें तिल का प्रयोग करें इससे घर-परिवार को आरोग्य, सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। जल में तिल अर्पण करने से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
5. तिल से आहुति देना: हवन या यज्ञ में तिल की आहुति देने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इससे संपूर्ण वातावरण शुद्ध होता है। तिल की आहुति यज्ञ और हवन में पवित्रता और शुद्धि का प्रतीक है। यह देवताओं और पितरों को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में तिल की आहुति को ग्रह दोष, विशेष रूप से शनि, राहु, और केतु दोष को शांत करने का उपाय माना गया है।ALSO READ: Makar Sankranti 2025 : तिल-गुड़ के लड्डू से पोंगल तक : संक्रांति पर क्या बनाएं?
6. तिल का उबटन लगाना: इस दिन पानी में तिल मिलाकर स्नान करना शुभ माना जाता है। तिल का उबटन लगाकर भी स्नान कर सकते हैं। इस उपाय को करने से बुरी नजर से आप बच सकते हैं। तिल का उबटन त्वचा के रोमछिद्रों की गहराई से सफाई करता है। तिल का उबटन त्वचा को गहराई से हाइड्रेट करता है। यह झुर्रियों और बारीक रेखाओं को कम करने में मदद करता है, जिससे त्वचा युवा और ताजा दिखती है।
तिलं दत्तं तिलं हुतं, तिलं जप्तं तिलोदकं।
तिलस्य दानमक्षय्यं, कुरु पापक्षयं नरः।“
इसका अर्थ है कि तिल का दान, हवन, अर्पण और जाप सभी पापों का नाश करते हैं।ALSO READ: Surya Arghya on Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर सूर्य को अर्घ्य कैसे दें, जानें उचित विधि और नियम