Adhik Maas 2023: 18 जुलाई से अधिक मास जारी है और इस मास की गिनती मुख्य महीनों में नहीं होती है। लेकिन यह भगवान विष्णु का अत्यंत प्रिय महीना है तथा उन्होंने ही इसका एक नाम पुरुषोत्तम मास रखा है, जो कि श्रीहरि विष्णु का ही एक नाम है। इसीलिए अधिक मास के स्वामी भगवान नारायण ही है।
हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार अधिक मास में आने वाली एकादशी पर भी श्रीहरि नारायण का ही पूजन होता है, अत: 3 वर्ष बाद आ रही है अधिक मास की पुरुषोत्तमी एकादशी पर कुछ शुभ कार्य करने से श्री विष्णु जी की अपार कृपा मिलती है।
आइए इस लेख में जानते हैं इस माह की एकादशी पर क्या करें-
• पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अधिक मास की पुरुषोत्तमी एकादशी पर किए गए यज्ञ-अनुष्ठान, धार्मिक कार्य, हवन, कथा वाचन आदि कार्य पूरी तरह फलित होते हैं। अत: अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए यह कार्य अवश्य करें।
• अधिक मास की पुरुषोत्तमी एकादशी पर भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। अत: यह अवसर चूकने न दें।
• वैसे तो अधिक मास में किसी भी तरह के शुभ कार्यों की मनाही है, लेकिन पुरुषोत्तमी एकादशी पर भगवान सत्यनारायण की पूजा करना सबसे शुभ फलदायी माना जाता है।
• अधिक मास की एकादशी तिथि पर भगवान श्री राम और श्री कृष्ण की पूजा करने से जीवन में उत्तम फलों की प्राप्ति होती है।
• पुरुषोत्तमी एकादशी पर श्री विष्णु जी की पूजा करने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं तथा अपने भक्त पर धन-वैभव और सुख-समृद्धि की कृपा बरसाती है।
• चूंकि अधिक मास को मलमास भी कहा जाता है, अत: घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने के लिए अधिक मास में महामृत्युंजय मंत्र का जप करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
अत: 3 वर्ष बाद आई अधिक मास की इस एकादशी पर यह काम करें और जीवन को संपन्न और खुशहाल बनाएं।
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