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रक्षा बंधन पर्व पर वैदिक रक्षासूत्र कैसे बनाएं।
रक्षा बंधन का पवित्र पर्व कब है।
वैदिक राखी तैयार करने की सरल विधि।
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Rakhi Festival Hindi : इस बार 19 अगस्त 2024 को रक्षाबंधन का पवित्र पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक शास्त्रों में रक्षाबंधन का पर्व वैदिक विधि से मनाना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस विधि से राखी का त्योहार मनाने पर भाई का जीवन सुखमय और शुभ बनता है। पौराणिक मतानुसार इसके लिए पांच वस्तुओं का विशेष महत्व होता है, जिनसे इस वैदिक रक्षासूत्र का निर्माण किया जाता है। इनमें दूर्वा/ घास, अक्षत/ चावल, केसर, चंदन और सरसों के दाने शामिल हैं।
कैसे बनाए यह राखी : सबसे पहले पीले, केसरिया या लाल रंग का रेशमी कपड़ा लें। सबसे पहले उसमें 5, 11 या 21 चावल के दाने बांधें। फिर 11 या 21 दाने राई के बांधें। फिर केसर के 7 धागे, दूर्वा की 5 महीन पत्तियां और चंदन के 3 बारीक छिलके या एक चुटकी चंदन का चूर्ण इन सबको अलग-अलग एक ही कपड़े में बांध दीजिए।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह 5 प्रकार की सामग्री उतनी ही मात्रा में हो जितनी बताई गई है। इन सबको एक साथ बांध कर इन्हें राखी का रूप दें और डोरी में इस प्रकार पिरोएं कि बांधने में दिक्कत न हो। इन्हें इतनी मजबूती से संजोएं कि यह बांधने पर बिखरे नहीं।
इस तरह यह राखी बनाना बहुत ही सरल हैं। आप इन सभी 5 वस्तुओं को रेशम के कपड़े में बांध दें या उस पर सिलाई कर दें, फिर उसे कलावे में पिरो दें। इस प्रकार एकदम आसान रीति से आपकी वैदिक राखी तैयार हो जाएगी।
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5 वस्तुओं का धार्मिक महत्व :
1. दूर्वा (घास)- जिस प्रकार दूर्वा का एक अंकुर बो देने पर तेजी से फैलता है और हजारों की संख्या में उग जाता है। उसी प्रकार रक्षा बंधन पर भी कामना की जाती है कि भाई का वंश और उसमें सदगुणों का विकास तेजी से हो। सदाचार, मन की पवित्रता तीव्रता से बढ़ती जाए। दूर्वा विघ्नहर्ता गणेश जी को प्रिय है अर्थात् हम जिसे राखी बांध रहे हैं, उनके जीवन में विघ्नों का नाश हो जाए।
2. अक्षत (चावल)- हमारी यानि की भाई-बहन की परस्पर एक-दूजे के प्रति श्रद्धा कभी भी क्षत-विक्षत ना हो सदा अक्षत रहे।
3. केसर- केसर की प्रकृति तेज होती है अर्थात् हम जिसे राखी बांध रहे हैं, वह तेजस्वी हो। उनके जीवन में आध्यात्मिकता का तेज, भक्ति का तेज कभी कम ना हो। यही इसका उद्देश्य है।
4. चंदन- चंदन की प्रकृति शीतल होती है और यह सुगंध देता है। उसी प्रकार भाई के जीवन में भी शीतलता बनी रहे, कभी मानसिक तनाव ना हो। साथ ही उनके जीवन में परोपकार, सदाचार और संयम की सुगंध हमेशा फैलती रहे।
5. सरसों के दाने- सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है अर्थात् इससे यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गुणों को, कंटकों को समाप्त करने में हम तीक्ष्ण बनें। सरसों के दाने से भाई की नजर उतारने और बुरी नजर से भाई को बचाने के लिए भी प्रयोग में लाए जाते हैं।
राखी बांधने का मंत्र :
बहन अपने भाई को राखी बांधते समय यह मंत्र अवश्य बोलें :
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबद्धनामि रक्षे मा चल मा चल।।
राखी यानि रक्षासूत्र बांधते समय मिठाई या गुड़ से भाई का मुंह मीठा करें, यह बहुत ही उत्तम रहता है।
यह राखी कैसे बांधें : इस प्रकार इन 5 वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम भगवान के चित्र पर अर्पित करें। फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधें। इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई वैदिक राखी को शास्त्रोक्त नियमानुसार बांधते हैं, वह पुत्र-पौत्र एवं बंधुजनों सहित वर्षभर सुखी रहते हैं।
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