Puja

Sarvapitri amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर इन 12 को खिलाएं खाना, पितृदोष से मिलेगी मुक्ति

Pancha bali karma and puja: श्राद्ध पक्ष में तर्पण, पिंडदान, पंचबलिक आदि कर्म करने के बाद भोजन कराए जाने की परंपरा है। श्राद्ध पक्ष में किसी ब्राह्मण, गरीब या भूखे को भोजन कराना सबसे ज्यादा पुण्य का कार्य माना गया है। ऐसे माना जाता है कि तर्पण एवं पिंडदान के बाद पंचबलि कर्म जरूर किया जाना चाहिए। 2 अक्टूबर 2024 को सर्वपितृ अमावस्या है। आओ जानते हैं कि इस दिन किन लोगों को कराना चाहिए भोजन।ALSO READ: श्राद्ध पक्ष कब से प्रारंभ हो रहे हैं और कब है सर्वपितृ अमावस्या?

 

पंचबलि कर्म: पंचबलि कर्म अर्थात गाय, कौआ, कुत्ता, चींटी और देवताओं को अन्न अर्पण करना होता है। उपरोक्त और निम्न सभी से पहले अग्निदेव को अग्निग्रास देते हैं। जब भी रोटी बनाएं तो पहली रोटी अग्नि की, दूसरी रोटी गाय की और तीसरी रोटी कुत्ते की होती है। पहली रोटी मूल रूप से बहुत ही छोटी बनती है। अंगूठे के प्रथम पोर के आकार की। इस रोटी को अग्नि में होम कर दिया जाता है। अग्नि में होम करते वक्त इसके साथ अन्य जो भी बनाया है उसे भी होम कर दिया जाता है। पांच तरह के यज्ञों में से एक है देवयज्ञ जिसे अग्निहोत्र कर्म भी कहते हैं, यही देवबलि भी है।ALSO READ: Sarva Pitru Amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या के दिन विदा होते हैं पितर, जानें डेट व तर्पण के लिए कुतुप मुहूर्त

 

1. गाय : गाय में सभी देवी और देवता निवास करते हैं। अग्निग्रास के बाद गाय को भोजन दिया जाता है।

 

2. कौआ : कौए को पितरों का रूप ही माना जाता है। कहते हैं पितर कौए के रूप में आकर भी भोजन ग्रहण कर लेते हैं।

 

3. कुत्ता : कुत्ते को यम का दूत कहते हैं। इसे भी पितरों का रूप माना जाता है।

 

4. चींटी : चींटी को भी आटा में शक्कर मिलाकर डालें और इसके साथ ही घर में पितरों के लिए जो भोजन बना है उसे भी अर्पित करें।

 

5. मछली : मछली को भी आटा की गोली बनाकर डालें और इसके साथ ही घर में पितरों के लिए जो भोजन बना है उसे भी अर्पित करें।

 

6. गरीब : गरीबों को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य है। श्राद्ध का भोजन ब्राह्मण भोज के अलावा किसी भूखे या गरीब को भी खिलाना चाहिए। सबसे पहले द्वार आया गरीब या मंदिर के समक्ष बैठे गरीब को यह भोजन खिलाना चाहिए।

 

7. ब्राह्मण : इस दिन 16 ब्राह्मण को अच्छे से पेटभर भोजन खिलाकर दक्षिणा दी जाती है। ब्राह्मण का निर्वसनी होना जरूरी है।

 

8. जमाई : घर के जमाई को भोजन खिलाना भी जरूरी है।

 

9. भांजा : कहते हैं कि एक भानेज 100 ब्राह्मणों के बराबर होता है।

 

10. नाती : लड़की का लड़का या लड़की आपकी नाती होती है।

 

11. देवता : देवताओं और पितरों के भोग को अग्नि को समर्पित किया जाता है। पहले उनके लिए पत्ते पर अलग से भोजन निकाल कर रखा जाता है और बाद में वैदिक मंत्रों के साथ उसका होम करते हैं।

 

12. वृक्ष : पीपल के वृक्ष के लिए अलग से अन्न और जल निकाला जाता है। पीपल के भोग को उस वृक्ष के नीचे रखा जाता है।ALSO READ: Sarvapitri amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या की 10 अनसुनी बातों को जानकर आप सोच में पड़ जाएंगे