Shani Jayanti Vat Savitri vrat
Shani Jayanti Vat Savitri vrat : ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत के साथ ही शनि जयंती भी रहेगी। 6 जून को वट सावित्री व्रत के साथ ही शनि जयंती का पर्व भी रहेगा। इस दिन शुभ योग में यह त्योहार मनाया जाएगा। शुभ योग संयोग: 6 जून 2024 को शनि जयंती और वट सावित्री व्रत एक साथ रहेंगे। इसी के साथ ही धृति और शिव वास योग बन रहा। अभिजीत मुहूर्त में कर सकते हैं पूजा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:52 से 12:48 तक रहेगा। ऐसे में 5 कार्य करें।
1. बरगद पूजा : इस दिन विधिवत रूप से बरगद की पूजा करें और वहां पर खीर, पुरी, हलवा, गुलगुले और पंचामृत का भोग लगाएं। परिक्रमा करें और दीप जलाएं। धार्मिक मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के कलह और संताप मिटाने वाली होती है।
।।तहं पुनि संभु समुझिपन आसन। बैठे वटतर, करि कमलासन।।
भावार्थ-अर्थात कई सगुण साधकों, ऋषियों, यहां तक कि देवताओं ने भी वट वृक्ष में भगवान विष्णु की उपस्थिति के दर्शन किए हैं।- रामचरित मानस
2. शमी पूजा : इस दिन शमी के वृक्ष की पूजा भी करना चाहिए। शमी के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना चाहिए। शमी पूजा से शनि के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। शमी में साक्षात शनिदेव विराजमान रहते हैं इसलिए उनका आशीर्वाद भी मिलता है।
3. छाया दान : इस दिन शाम को शनि मंदिर में जाकर छाया दान करें। इसके लिए एक कटोरी में सरसो का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें और उसे ले जाकर शनि भगवान के चरणों में रख दें।
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4. पितृ तर्पण : शनि जयंती पर अमावस्या रहती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान जरूर करें। ऐसा करने से सभी तरह के पितृदोष समाप्त होकर संपात मिटकर जीवन में सुख और समृद्धि के रास्ते खुलेंगे।
5. यम पूजा : इस दिन यम देवता की पूजा करनी चाहिए और यथाशक्ति दान-दक्षिणा देना चाहिए। यम देव के निमित्त दक्षिण दिशा में या पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना चाहिए।
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