Shradh Paksha 2023: इस बार पितृ महालय के दिन चतुर्दशी श्राद्ध तक पहुंच गए है। इसके बाद 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध किया जाएगा।
यदि किसी कारणवश किसी जवान व्यक्ति की मौत हो जाती है, जो इस मौत को अकाल अर्थात् असमय हुई मृत्यु कहते हैं। चाहे वह हत्या, आत्महत्या या किसी प्रकार की दुर्घटना हो। यह भी हो सकता है कि किसी गंभीर बीमारी के कारण असमय ही देहांत हो गया हो।
आइए जानते हैं चतुर्दशी श्राद्ध की विशेष जानकारी और मुहूर्त-
– यदि आपके घर में किसी की अकाल मृत्यु हुई है तो उसका श्राद्ध चतुर्दशी के दिन कैसे करना चाहिए। आइए जानते हैं-
– जिस व्यक्ति की मृत्यु डूबने, शस्त्र घात, विषपान या अन्य कारणों से हुई हो, उनका चतुर्दशी के दिन श्राद्ध करते हैं।
– चतुर्दशी का श्राद्ध उन जवान मृतकों के लिए किया जाता है जो असमय ही मृत्यु को प्राप्त हो गए हैं।
– आश्विन माह की चतुर्दशी तिथि को स्नानादि के बाद श्राद्ध के लिए भोग तैयार करें।
– इस दिन पंचबलि का भोग लगता है। इसमें गाय, कुत्ता, कौआ और चींटियों के बाद ब्राह्मण को भोज कराने की परंपरा होती है।
– इस दिन अंगुली में दरभा घास की अंगूठी पहनें और भगवान विष्णु और यमदेव की उपासना करें।
– इस दिन पवित्र धागा पहनने का भी रिवाज है, जिसे कई बार बदला जाता है। इसके बाद पिंडदान किया जाता है।
– तर्पण और पिंडदान करने के बाद ब्राह्मण या गरीबों को यथाशक्ति दान दें।
– यदि तिथि ज्ञान नहीं हो तो सर्वपितृ अमावस्या पर इनका श्राद्ध कर सकते हैं।
चतुर्दशी श्राद्ध : गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023 को
चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ- 12 अक्टूबर 2023 को 11.23 ए एम से,
चतुर्दशी तिथि की समाप्ति- 13 अक्टूबर 2023 को 01.20 पी एम पर।
कुतुप मुहूर्त- 10.51 ए एम से 11.40 ए एम
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
रौहिण मुहूर्त- 11.40 ए एम से 12.29 पी एम
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
अपराह्न काल- 12.29 पी एम से 02.57 पी एम
अवधि- 02 घंटे 27 मिनट्स
आज का शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- 03.34 ए एम से 04.20 ए एम
प्रातः सन्ध्या 03.57 ए एम से 05.07 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 10.51 ए एम से 11.40 ए एम
विजय मुहूर्त- 01.18 पी एम से 02.07 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05.24 पी एम से 05.47 पी एम
सायाह्न सन्ध्या 05.24 पी एम से 06.34 पी एम
अमृत काल 09.42 पी एम से 11.29 पी एम
निशिता मुहूर्त- 10.52 पी एम से 11.39 पी एम।
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