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करवा चौथ पर महिलाएं क्यों पहनती हैं शादी का जोड़ा

Karwa Chauth tradition

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ का त्योहार भारतीय महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ पर खास बात यह है कि महिलाएं इस दिन शादी का जोड़ा यानी अपनी शादी के समय पहने गए कपड़े पहनती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि करवा चौथ पर महिलाएं शादी का जोड़ा क्यों पहनती हैं? इस परंपरा के पीछे धार्मिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक कारण छिपे हैं। आइए जानते हैं इसके महत्व के बारे में।
 
करवा चौथ और शादी का जोड़ा: क्या है धार्मिक महत्व?
 
करवा चौथ एक धार्मिक पर्व है जिसमें महिलाएं चांद की पूजा करके अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। शादी का जोड़ा पहनने का धार्मिक महत्व भी खास है। शादी के जोड़े में खासतौर पर लाल रंग को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि हिंदू धर्म में लाल रंग को शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह रंग देवी-देवताओं की आराधना और मांगलिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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लाल रंग का महत्व
लाल रंग शक्ति, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। विवाह के समय लाल रंग पहनना जीवन में नए आरंभ का प्रतीक होता है, और करवा चौथ के दिन इसे पहनना इस बात को दर्शाता है कि महिला अपने वैवाहिक जीवन को संजीवनी देने का प्रयास कर रही है। यह रंग उनके रिश्ते में प्रेम और स्थिरता को बनाए रखने की भावना को भी दर्शाता है।
 
शादी के जोड़े का सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व
करवा चौथ पर शादी का जोड़ा पहनने का न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी है। भारतीय समाज में शादी के कपड़े और आभूषणों को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। जब महिलाएं करवा चौथ पर अपने शादी के कपड़े पहनती हैं, तो वे अपने विवाह के समय की भावनाओं को फिर से जीती हैं। यह उनके और उनके पति के बीच के संबंध को और भी मजबूत करने का प्रतीक होता है।
 
भावनात्मक जुड़ाव
शादी का जोड़ा पहनने से महिलाएं अपने पति के साथ की गई प्रतिज्ञाओं और वादों को याद करती हैं। यह परंपरा उनके रिश्ते में पुनर्नविकरण का प्रतीक है। इससे न केवल पति-पत्नी के बीच का प्यार गहरा होता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि एक पत्नी अपने पति के साथ जीवनभर का साथ निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।
 
करवा चौथ पर शादी का जोड़ा पहनने की परंपरा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, बल्कि यह भावनात्मक रूप से भी पति-पत्नी के बीच गहरे संबंध को दर्शाती है। यह त्योहार महिलाओं को अपने वैवाहिक जीवन की यादों को फिर से जीने और अपने रिश्ते को सुदृढ़ करने का अवसर प्रदान करता है।