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गुप्त नवरात्रि में करें मां कालिका की इस तरह से साधना, जानें गुप्त मंत्र

Mata kalika ki Sadhana in Gupt Navratri: काली’ का अर्थ है समय और काल। काल, जो सभी को अपने में निगल जाता है। भयानक अंधकार और श्मशान की देवी। मां कालिका की उत्पत्ति धर्म की रक्षा और पापियों-राक्षसों का विनाश करने के लिए हुई है। काली को माता जगदम्बा की महामाया कहा गया है। उन्हें दश महाविद्याओं में से पहली माना जाता है। कालिका का यह अचूक मंत्र है। इससे माता जल्द से सुन लेती हैं, लेकिन आपको इसके लिए सावधान रहने की जरूरत है। आजमाने के लिए मंत्र का इस्तेमाल न करें। यदि आप काली के भक्त हैं तो ही करें।

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पहला साबर मंत्र :

ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,

चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,

अब बोलो काली की दुहाई।

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दूसरा साबर मंत्र 

।।ऊँ कालिका खडग खप्पर लिए ठाड़ी 

ज्योति तेरी है निराली 

पीती भर भर रक्त की प्याली 

कर भक्तों की रखवाली 

ना करे रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई।।

काली साधना

माता कालिका की विशेष साधना गुप्त नवरात्रि में होती है। 

हिन्दू मास अनुसार अषाढ़ और माघ माह में गुप्त नवरात्रि आती है। 

माता कालिका दस महाविद्याओं में से एक प्रथम देवी है। 

साधना को सही तरीके से करने से साधकों को अष्टसिद्धि प्राप्त होती है। 

काली की पूजा या साधना के लिए किसी गुरु या जानकार व्यक्ति की मदद लेना जरूरी है।

महाकाली को खुश करने के लिए उनकी फोटो या प्रतिमा के साथ महाकाली के मंत्रों का जाप भी किया जाता है। 

इस पूजा में महाकाली यंत्र का प्रयोग भी किया जाता है।

इसी के साथ चढ़ावे आदि की मदद से भी मां को खुश करने की कोशिश की जाती है।

अगर पूरी श्रद्धा से मां की उपासना की जाए तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।

अगर मां प्रसन्न हो जाती हैं तो मां के आशीर्वाद से आपका जीवन बहुत ही सुखद हो जाता है।ALSO READ: इस दिन से शुरू हो रही है आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि