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तिल द्वादशी क्यों और कैसे मनाते हैं, जानें पूजा विधि और व्रत के फायदे

Til Dwadashi Puja 2025 : तिल द्वादशी एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू व्रत है, जो माघ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 09 फरवरी 2025, दिन रविवार को तिल द्वादशी मनाई जा रही है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे बहुत ही शुभ माना जाता है। तिल द्वादशी का व्रत अत्यंत फलदायी है। इस दिन तिल का विशेष महत्व होता है और तिल से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। ALSO READ: इस मंदिर में नागा साधु निकलते हैं महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की विशेष बारात, जानिए कहां है ये मंदिर

 

आइए जानते हैं इस व्रत के बारे में…

 

क्यों मनाई जाती है तिल द्वादशी : तिल द्वादशी का व्रत अत्यंत फलदायी है। तिल द्वादशी यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, जो कि सृष्टि के पालनहार हैं। तिल को पवित्र और शुभ माना जाता है। अत: इस दिन तिल के उपयोग तथा दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन भीष्‍म द्वादशी होने के कारण यह भी मनाई जाती है। यह व्रत महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह को समर्पित है।

इसी दिन जया अजा एकादशी का पारण भी किया जाएगा। इस दिन तिल का सेवन, दान और हवन करने की परंपरा है। मान्यतानुसार इस दिन तिल का दान करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है।तथा इस दिन व्रत रखने से जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है। इस व्रत में तिल का विशेष महत्व है। इसलिए भगवान विष्णु की पूजा में और दान में तिल का प्रयोग जरूर करें। इस दिन पितरों का तर्पण भी करना चाहिए।ALSO READ: Astrology: क्या होगा जब शनि, बृहस्पति और राहु करेंगे इसी वर्ष अपनी राशि परिवर्तन? तैयार रहें किसी बड़ी घटना के लिए

 

कैसे मनाई जाती है तिल द्वादशी? 

– इस दिन प्रातकाल: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।

– फिर भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प लें।

– भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।

– भगवान विष्णु की पूजा करें, उन्हें तिल, फूल, फल, धूप, दीप, पंचामृत आदि अर्पित करें।

– मंत्र- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें।

– तिल द्वादशी की कथा पढ़ें या सुनें।

– भगवान विष्णु को तिल, तिल से बने व्यंजन, आदि अर्पित करें। 

– पूरे दिन निराहार रहें। यदि संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं।

–  गरीबों को तिल का दान करें।

– इस दिन तिल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। अत: आप ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को तिल दान कर सकते हैं।

– द्वादशी के दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर तिल से बने भोजन का ही सेवन करें।

 

तिल द्वादशी व्रत के लाभ:

– तिल द्वादशी एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। 

– इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है तथा जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। 

– धन और समृद्धि में वृद्धि होती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।

– इस दिन तिल का विशेष महत्व होता है और तिल से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। 

– इस व्रत को करने से जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।

– इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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